ये पढ़ें: Android से iOS या iOS से Android WhatsApp डाटा कैसे ट्रांसफर करें
Gainbitcoin घोटाला
ये एक पोंज़ी मार्केटिंग स्कीम है। इस स्कीम के मास्टरमाइंड अमित भरद्वाज के साथ सात लोग थे, जो दुनिया भर में इसे चला रहे थे। इस स्कीम में लोगों को यह कहकर आकर्षित किया जाता था कि ये एक आकर्षक स्कीम है जिसमें आप पैसा लगाएंगे तो 18 महीनों तक उसका 10% रिटर्न मिलेगा। यानि अगर आप 10,000 रूपए लगाते हैं, तो आपको 18 महीनों तक हर महीने 1000 रूपए मिलेंगे। इसी ऑफर के चलते, जिन लोगों को क्रिप्टो करेंसी का ज़्यादा पता नहीं है, उन्होंने इसमें काफी निवेश किया।
GainBitcoin क्रिप्टोकोर्रेंसी स्कैम की जांच में क्या हुआ ?
इसमें लगभग 40 लोगों ने FIR भी दर्ज की है, जिनमें से महाराष्ट्र और पंजाब में 13 FIR की गयी हैं। लेकिन अब पुणे पुलिस ने GainBitcoin केस में 60,000 यूज़र आईडी ट्रेस की हैं, जिन्होंने इस स्कीम में अपनी मेहनत की कमाई लगाई थी। पहले मुख्य आरोपी अमित भरद्वाज थे, लेकिन इस साल के शुरुआत में ही उनकी मौत हो गयी और ये सुई उनके भाई अजय भारद्वाज की तरफ घूम गयी है। ED का कहना है कि अजय के पास क्रिप्टो वॉलेट का पासवर्ड और यूज़रनेम है, जो उन्हें अब इस केस के जांच अधिकारी को दे देना चाहिए। अभी इसी महीने की शुरुआत में ED दिल्ली स्थित दफ्तर के साथ 6 जगहों पर छापेमारी की है, जहां कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और 1 लाख से अधिक निवेशकों से सम्बंधित कई कागज़ात भी ज़ब्त किये हैं। ये पढ़ें: अपने आधार कार्ड के दुरूपयोग को रोकने के लिए इस तरह डाउनलोड करें मास्क आधार कार्ड (Masked Adhaar Card) ED के अनुसार, इस मार्केटिंग स्कीम में अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, महेन्दर भारद्वाज सहित 7 लोगों ने मिलकर अलग-अलग क्रिप्टो वॉलेट में 80,000 से ज़्यादा बिटकॉइन इकट्ठा किये और इस समय इनकी कीमत 1 लाख करोड़ से ज़्यादा है। अभी तक अजय भारद्वाज द्वारा क्रिप्टो वॉलेट के पासवर्ड, यूज़रनेम को शेयर नहीं किया गया है और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अगले महीने फिर बुलाया इसी संदर्भ में कोर्ट बुलाया है। ED का कहना है कि अभी कुछ और क्रिप्टो वॉलेट ट्रेस नहीं हो पाए हैं, जिनका सम्बन्ध इन आरोपियों से है। हालांकि सभी अधिकारी व सम्बन्ध दफ्तर अपना काम कर रहे हैं, लेकिन इतना तो तय है कि इस घोटाले में जिन लोगों ने निवेश किया था, अब उनका पैसा उन्हें शायद कभी वापस नहीं मिलेगा।
Δ